कपालभाती प्राणायाम के फायदे हिंदी में।
सर्वप्रथम लाभों की ओर जाने से पहले कपालभाती प्राणायाम क्या है, इसका एक सही और सूचनात्मक आधार तैयार करते हैं?
सबसे पहले, हमें यह समझना होगा कि कपालभाती एक प्राणायाम नहीं है, यह मूल रूप से क्रिया है। कपालभाती शातकर्म या शतक्रिया -'Cleansing Techniques' क्रियाओ में से एक शत-क्रिया है।
कपालभाती आपके शरीर को पूरी तरह से साफ करके विषाक्त पदार्थों या दोषों को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे आप को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
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“भस्त्रावल्लोह-कारस्य
रेछ-पूरौ ससम्भ्रमौ |
कपालभातिर्विख्याता
कफ-दोष्ह-विशोष्हणी ||”
कपालभातिर्विख्याता
कफ-दोष्ह-विशोष्हणी ||”
- हठ योग प्रदिपिका 2:35
अर्थ: जब साँस लेना और साँस छोड़ना बहुत जल्दी से किया जाता है, जैसे एक लोहार के हथौड़ा की तरह, यह कफ या बलगम (कफ-दोष) की अधिकता से सभी विकारों को मिटा देता है, और कपालभती के रूप में जाना जाता है।
छह शतकर्मों में से अंतिम कपालभाती है। "घेरंड संहिता" में इसे भालाभाई कहा गया है। शब्द 'भाला' और 'कपाल' का आर्थ 'माथा' (forehead) होता है। 'भाती' का अर्थ 'प्रकाश' या 'वैभव' है , लेकिन 'धारणा और ज्ञान' भी होता है ।
कपालभाती एक क्रिया है जो पूरे मस्तिष्क को प्रभावित करती है और नाजुक धारणाआे के लिए जिम्मेदार निष्क्रिय केंद्रों को जागृत करती है।
अंग्रेजी में, इसे 'फ्रंटल ब्रेन प्यूरीफिकेशन' (Frontal Brain Purification) तकनीक के रूप में जाना जाता है।
तो क्या आप यह जानने के लिए उत्सुक हैं, कपालभाती प्राणायाम के क्या क्या फायदे होते है?
तो हम अब लेक के "कपालभाती प्राणायाम के फायदे" इस भाग पर जाते है।
कपालभाती पुराने बलगम से होने वाले साइनस (Sinus) से छुटकारा पाने में भी मदद करता है।
स्वास्थ्य, त्वचा, बाल, मन के लिए कपालभाती के बहुत सारे फायदे हैं।
नीचे कपालभाती प्राणायाम से होने वाले टॉप १० फायदे सूचीबद्ध किए है:
कपालभाती प्राणायाम दिमाग के लिए लाभकारी है
1. दिमाग को उर्जावान बनता है (माइंड एनर्जाइजर या स्टिमुलेंट)
कपालभाती के 6 से 12 मिनट के अभ्यास के बाद, दिमाग के भीतर की छोटी रक्त केशिकाएं खुल जाती हैं और इस वजह से पीनियल (Pineal) और पिट्यूटरी (Pituitary) ग्रंथियों से जुड़ी मस्तिष्क की महत्वपूर्ण कोशिकाओं को उत्तेजना प्राप्त होती है।
तो यह निष्कर्ष निकालना तर्कसंगत है कि मस्तिष्क मे रक्त सिंचाई में वृद्धि होने से वहा प्राण वायु ऑक्सीजन के स्तर में भी वृद्धि होती है।
इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और ऊर्जा के स्तर में भी वृद्धि होती है। और इस वजह से हम दिमाग के उच्च कार्यक्षमता, मानसिक ध्यान और एकाग्रता में सुधार देखे सकते है। और मन भी जल्दी थकता नहीं।
मन के लिए कपालभाती के फायदे
2. मन को शांत रखता है
अगर आपका मस्तिष्क ऊर्जावान है तो मन तनाव, गंदे विचार या अशांति से मुक्त रहेगा।
कपालभाति दिमाग की नसों को उत्तेजना प्रदान करता है जिस वजह से मस्तिष्क ऊर्जावान और सक्रिय होता है, और आपके मन की अव्यवस्थिता दूर होती है। आपका चंचल मन शांत होता है और आपको मन में संतुलन की भावना निर्मित होती है।
3. Tension तनाव से राहत
इस प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में, काम के बढ़ते दबाव और खराब जीवनशैली और आदतों के कारण आजकल तनाव और चिंता जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं।
मानसिक तनाव से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए, हमें शरीर की प्राकृतिक विश्राम प्रतिक्रिया गतिविधियों को सक्रिय करने की आवश्यकता है।
तो कपालभाती प्राणायाम तनाव को कम करने के लिए फायदेमंद तकनीकों में से एक है क्योंकि यह मस्तिष्क में ऊर्जा उत्पन्न करने में मदद करता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है। इस वजह से शरीर की प्राकृतिक विश्राम प्रतिक्रिया जल्दी सक्रिय हो जाती है।
आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और आपका मन और शरीर खुश और शांत रहता है।
कपालभाति प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने और काम करने की क्षमता को बढ़ाता है और मन में दर्द को कम करता है परिणामस्वरूप, यह मन की शांति और भावनात्मक संतुष्टि प्रदान करता है।
रक्त के लिए कपालभाति प्राणायाम के फायदे
4. अच्छी गुणवत्ता का शुद्ध रक्त
कपालभाती में बाहर श्वास छोड़ने पर अधिक जोर दिया जाता है।
परिणामस्वरूप, सामान्य साँस लेने साँस छोड़ने प्रक्रिया में साँस बाहर छोड़ने का अनुपात बढ़ाता है और इस वजह से रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड Carbon dioxide, नुकसान पहुचने वाले रसायन Chemicals, Acid एसिड और क्षारीय तत्व कम हो जाते है।
कपालभाती प्राणयाम शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर अच्छी गुणवत्ता वाले शुद्ध रक्त को बनाए रखने में मदद करता है।
5. (Blood Circulation)रक्त परिसंचरण में सुधार
कपालभाती में जोरसे साँस बाहर छोड़ने से हृदय की ओर अधिक रक्त प्रवाह होता है। परिणामस्वरूप, Blood Pressure रक्तचाप थोड़ासा बढ़ जाता है जो शरीर मे बेहतर रक्त परिसंचरण करने में मदद करता है।
उदरप्रदेश के अंगों (Abdominal Organs) के लिए कपालभाती के फ़ायदे
6. अंगों की जीवन शक्ति में सुधार करता है
कपालभती क्रिया पेट के अंगों को हल्का व्यायाम प्रदान करता है। इस वजह से उदर या पेट के अंगों को उत्तेजना मिलती है और अंगों का रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) बढ़ता है जिससे विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली और कार्यक्षमता में सुधार होता है और पेट स्वस्थ रहता है।
परिणामस्वरूप अंगों को बेहतर जीवन शक्ति प्रदान होती है।
7.(Digestion) पाचनक्रिया में सुधार
कपालभाति पाचन प्रक्रिया में भी मदद करता है। कपालभाती प्राणायाम पाचन तंत्र के कार्य को बेहतर बनाता है और आपके भोजन को अच्छी तरह से पचाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को जल्दी अवशोषित करता है।
यदि आप नियमित रूप से कपालभाती प्राणायाम का अभ्यास करते है, तो अपच के कारण होने वाली कब्ज, अम्लता और सीने में जलन (Heart-Burn) की समस्याओं के प्रतिरोध एंटीडोट के रूप में काम करता है।
कपालभाती प्राणायाम के त्वचा (Skin) के लिए फायदे
8. चमकती त्वचा ग्लोइंग स्किन के लिए प्राकृतिक उपाय
यदि आप त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए कठोर रसायनों वाले कई उत्पादों का उपयोग करते हैं। फिर तुरंत उनका उपयोग बंद कर दें। हा! उनका उपयोग बंद करो।
यदि आप कपालभाती प्राणायाम केवल बीस मिनट रोजाना करते हैं, तो 15-20 दिनों के भीतर आप देखेंगे कि आपकी त्वचा चमकने लगी है और यह प्राकृतिक चमक होगी। इस तरह की चमक आपको चेहरे पर हजारों उत्पादों के उपयोग करने के बावजूद नहीं मिल सकती।
यदि आप कपालभाती प्राणायाम करते है, तो शरीर का रक्त परिसंचरण बढ़ जाएगा और त्वचा को समृद्ध ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलेगा। आप हमेशा ग्लैमरस आकर्षक दिखेंगे, इसलिए कपालभाती एजिंग (Aging) के लिए एक बेहतरीन उपचार है।9. Aging बुढ़ापा रोकें
10. प्रभावी रूप से पिंपल्स और मुंहासों का इलाज करता है
अक्सर Pimples पिम्पल्स सक्रिय वसामय ग्रंथियों (Sebaceous Gland) और मृत त्वचा-कोशिकाओं (Dead Skin Cells) के त्वचा-छिद्रों को बंद कर देने के कारण होते हैं।
यदि आप कपालभाति कर रहे हैं, तो आप अनुभव करेंगे कि चेहरे पर रक्त परिसंचरण बढ़ गया है और इसके द्वारा, चेहरे की त्वचा पर भारी मात्रा में ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार बड जाएगा।
नतीजतन, चेहरे पर त्वचा फिर से जीवंत हो जाती है और चेहरे पर का अशुद्ध रक्त साफ हो जाता है। रोजाना आधे घंटे कपालभाती करने से आप जल्दी है पिंपल्स और मुंहासों में सुधार देख सकते है।
इन लाभों का अनुभव करने वाले पहले व्यक्ति बनें और इस शानदार तकनीक का अभ्यास करने में कभी भी देरी न करें और एक स्वस्थ आकर्षक जीवन का आनंद लें।
नीचे Comment Box टिप्पणियाँ बॉक्स में हमें यह भी बताएं की आपका कपालभाती प्राणायाम के साथ कैसा अनुभव रहा।
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वैदिक योग आयुर्वेद पर आने के लिए धन्यवाद।
नमस्ते! जय हिन्द!!
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